ऐतिहासिक महत्व:
बक्सर का प्रमुख ऐतिहासिक महत्व भारत के इतिहास में 22 अक्टूबर, 1764 को लड़ी गई 'बक्सर की लड़ाई' से जुड़ा है। इस लड़ाई में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मीर कासिम की संयुक्त सेना नवाब शाहाबुद्दीन के खिलाफ लड़ी थी और यह लड़ाई बक्सर के पास की मैदान में लड़ी गई थी। इस लड़ाई में ब्रिटिश की जीत ने ब्रिटिश कंपनी को बड़ी शक्ति दिलाई और इससे भारतीय इतिहास में बड़ी घटनाएँ जुड़ी हैं।
पौराणिक कथा:
रामायण के अनुसार, बक्सर का इतिहास भारतीय पौराणिक कथाओं में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पर हम बक्सर के इतिहास के एक महत्वपूर्ण पहलुओं, जैसे कि भगवान राम, विश्वामित्र, और ताड़का के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे:
भगवान राम का आगमन
रामायण के अनुसार, भगवान राम, मानवता के आदर्श, अर्चनेय्य और धर्म के पराक्रमी अवतार के रूप में जाने जाते हैं। भगवान राम ने अपने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ बक्सर क्षेत्र में भ्रमण किया। उनका आगमन और उनके चारण क्षेत्र की संतुष्टि ने इस स्थान को पवित्र बनाया।
विश्वामित्र और स्वयंभू ताड़का
रामायण के अनुसार, महर्षि विश्वामित्र ने भगवान राम को आदिशक्ति स्वयंभू ताड़का से बचाने के लिए बुद्धि और बल का परीक्षण दिया। भगवान राम ने ताड़का का वध करते हुए धर्म की रक्षा की और उसे पुनर्जीवित किया।
ताड़का का वध
भगवान राम, अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ बक्सर के पास गए थे। यहाँ, उन्होंने राक्षसी ताड़का को मार गिराया, जिसने बड़ी भयंकर रूप में यहाँ के लोगों को परेशान किया था। इस घटना ने बक्सर को भगवान राम की धर्म के प्रति पकड़ की उपास्या का केंद्र बनाया।
प्राकृतिक सौंदर्य:
बक्सर का प्राकृतिक सौंदर्य भी विश्वस्त है। यहाँ की हरियाली से लिपटी घाटियाँ, नदी की किनारों पर बसे मंदिर, और आसमान में उगे चमकते हुए सूर्यास्त का दृश्य दर्शनीय हैं।
संस्कृति:
बक्सर की संस्कृति भी बहुप्रकारी है। यहाँ की लोकप्रिय शाकाहारी व्यंजन, लोकनृत्य, और स्थानीय उत्सव यहाँ की विविधता को दर्शाते हैं। यहाँ की लोककथाएँ और किस्से भी इस जगह की विशेषता हैं।

दर्शनीय स्थल:
- बक्सर की किला
- नारायणी शिला
- रामरेखा घाट
- नाथ बाबा मंदिर
- नौलखा मंदिर
- अहिलया मंदिर
घाटों का दर्शन:
- रामरेखा घाट
यह घाट गंगा के किनारे स्थित है और यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जहाँ लोग स्नान करते हैं और प्रार्थना करते हैं। यहाँ से आप समुद्री तट की शांति और सुरम्यता का आनंद ले सकते हैं।
- सिद्धनाथ घाट
यह घाट बक्सर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जो शक्ति साधने और आत्मा को शुद्धि प्रदान करने का स्थान माना जाता है।
- सती घाट
इस घाट का ऐतिहासिक महत्व है, जहाँ परंपरागत रूप से सती प्रथा के अनुसार आयोजित सती पूजा की जाती है। यहाँ की सुरम्यता और धार्मिक वातावरण यहाँ के अत्यंत प्रमुख हैं।
- गोला घाट
यह घाट बक्सर की सुंदरता का प्रतीक है जो गंगा के किनारे स्थित है। यहाँ से आप गंगा की पवित्रता और शांति का आनंद ले सकते हैं। रात्रि में यहाँ का दृश्य विशेष रूप से प्रशंसनीय है, जब घाट की घेरावणी लाइट्स प्रकाशमान होती हैं।
मशहूर त्योहार और मेले
- छठ पूजा
बक्सर में छठ पूजा का आयोजन विशेष धूमधाम के साथ होता है। यह पूजा सूर्य देव की विशेष आराधना में समर्पित है, और लोग नदी के किनारे सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पूजा अर्चना करते हैं।
- होली
होली का त्योहार बक्सर में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे को विभिन्न रंगों से रंगते हैं, खुशियों का इजहार करते हैं और मिलनसर वातावरण में रहते हैं।
- दीपावली
दीपावली बक्सर में एक बड़ा त्योहार है। इसे रंगीन दीपों, लकड़ी के फूलझड़ियों और पारंपरिक पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है।
- नवरात्रि
नवरात्रि के दौरान, मां दुर्गा की आराधना और उनके नौ रूपों की पूजा बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है। इस अवसर पर भजन-कीर्तन, गर्बा, रामलीला, और धार्मिक प्रस्तुतियाँ आयोजित की जाती हैं।
- लिट्टी-चोखा मेला
बक्सर में वार्षिक लिट्टी-चोखा मेला भी आयोजित होता है, जहाँ स्थानीय लोग लिट्टी-चोखा की स्वादिष्टता का आनंद लेते हैं। इस मेले में विभिन्न प्रकार की लिट्टी-चोखा विशेषतः बनाई जाती है जो लोगों को खींचती है। इस मेले की विशेषता यह है कि इसी जगह भगवान राम ने भी लिट्टी-चोखा खाया था।

प्रसिद्ध खानपान
बक्सर की खासियत उसके विशेष भोजन से है। यहाँ की पसंदीदा मसालेदार चाट, सत्तू पराठा, लिट्टी-चोखा, मिठाईयाँ और पापड़ी भरपूर स्वाद और आनंद प्रदान करती हैं।
पास के प्रमुख स्थल
- वाराणसी
सिर्फ कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित वाराणसी भारत की सबसे पवित्र नगरी मानी जाती है। यह गंगा की घाटियों, विश्वनाथ मंदिर, और सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है।
- पटना
बक्सर से कुछ घंटों की दूरी पर स्थित पटना बिहार की राजधानी है और यहाँ की संस्कृति, इतिहास, और खास खासियतों के लिए जानी जाती है।
- नालंदा
यह प्राचीन गुरुकुल की स्थली है जहाँ बौद्ध धर्म का अद्वितीय ज्ञान दिया जाता था।
इसी तरह से, बक्सर बिहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ प्राचीनतम समय से लेकर आज के दिन तक की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का संगम होता है। बक्सर एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ स्थल है जहाँ आप आत्मा को शांति और स्वांग का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत आपको यहाँ के विशाल संपत्ति और विविधता का परिचय दिलाती है। बक्सर क्षेत्र रामायण के महत्वपूर्ण संदेशों और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ की भव्यता और ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाया है।